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कांगड़ा में बसने जा रहा है प्रदेश का सबसे बड़ा आवासीय नगर, जानें

➤ कांगड़ा में बसने जा रहा है प्रदेश का सबसे बड़ा आवासीय नगर
➤ हिमुडा ने लंज क्षेत्र में विशाल भूमि की पहचान की
➤ गगल एयरपोर्ट और फोरलेन से नजदीकी देगी प्रोजेक्ट को बढ़त


हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक आवासीय नगर बसाने की दिशा में सरकार ने काम तेज़ कर दिया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की जिम्मेदारी हिमाचल प्रदेश शहरी विकास प्राधिकरण (हिमुडा) को सौंपी गई है। यह योजना राज्य के शहरी विकास इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

हिमुडा को इस प्रोजेक्ट के लिए करीब 10,000 बीघा भूमि की तलाश का लक्ष्य दिया गया है। इसके लिए विभाग की टीम ने कांगड़ा जिले के विभिन्न उपमंडलों का दौरा किया और अब उन्होंने शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के लंज कस्बा में एक बड़े भू-खंड की पहचान की है। यह स्थान लंज और गाहलियां गांवों के बीच स्थित है, जहां सरकारी और निजी भूमि का संयोजन उपलब्ध है।

हिमुडा ने भूमि से जुड़ी औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन से सहयोग की अपील की है। जल्द ही मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री इस स्थान का दौरा करेंगे। उनके अनुमोदन के बाद निजी भूमि की खरीद और सरकारी भूमि के ट्रांसफर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

लंज क्षेत्र की खासियत यह है कि यह गगल एयरपोर्ट और फोरलेन सड़क मार्ग के बेहद करीब है, जिससे यह स्थान रणनीतिक रूप से उपयुक्त माना जा रहा है। प्रस्तावित नगर में पार्क, खेल मैदान, शॉपिंग कांप्लेक्स, सीवरेज सिस्टम, पार्किंग और सड़कों जैसी सुविधाएं दी जाएंगी।

अगर यह योजना सफल होती है, तो यह प्रोजेक्ट राज्य के शहरी विकास का नया अध्याय लिखेगा और इसे स्मार्ट सिटी के रूप में पहचाना जा सकता है। इससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और नागरिकों को बेहतर जीवन गुणवत्ता प्राप्त होगी।

पूर्व सरकार के दौरान नरघोटा गांव में हिमुडा ने 664 कनाल भूमि पर टाउनशिप का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन बाद में उसे टूरिज्म विलेज प्रोजेक्ट के तहत पर्यटन विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया। इसके चलते हिमुडा को 73 खरीदारों से ली गई अग्रिम राशि लौटानी पड़ी।

हिमुडा धर्मशाला के अधिशासी अभियंता अनिल सूद के अनुसार, “कांगड़ा में नया नगर बसाने के लिए 10 हजार बीघा भूमि की आवश्यकता है। प्रारंभिक चरण में लंज और तियारा में उपयुक्त भूमि उपलब्ध है। जल्द ही सारी औपचारिकताएं पूरी कर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।”

कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने कहा, “हिमुडा को जिला प्रशासन की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। यह परियोजना लोगों को कई सुविधाएं उपलब्ध कराएगी और क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।”